Friday, May 1, 2020

Lockdown diary May 1st

दिन भर दरवाज़ा नहीं खुलता... न मिष्टी जाते हुए कहती है, 'ओके मम्मा बाय, लव यू' और न दरवाज़े की आहट सुनते ही मैं पूछती हूँ, 'तू आ गया मेरा बेटा?'

25 मार्च के बाद आज जाकर मिष्टी को अपने लिए कुछ नया देख खुश होते देखा..
पिछ्ले हफ्ते एक दिन स्काई ब्लू खुला था। आदी मिष्टी के लिए कॉपीयां, पेंसिल, इरेजर, नई डिज़ाइन के शार्पनर, पेंट ब्रश और quilling papers ले आये थे।
हफ्ता भर उन्हें बाहर रखने के बाद आज सबकुछ धोकर, sanitize करके उसे दिया।

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