Sunday, January 29, 2023

तुम तक

29 January 2023
7:26 PM

मैं अक्सर सोचती हूँ 
क्या मेरी कविताएं तुम तक पहुंच पाएँगी?
मैं जो सोचती हूँ, कहती हूँ, लिखती हूँ..
क्या तुम कभी समझ पाओगे, सुन पाओगे, पढ़ पाओगे?
मैं अक्सर सोचती हूँ...

क्या समझ पाओगे कि 
क्यों पिछली बातों का ज़िक्र करती हूँ 
आज के हर झगड़े में..