Wednesday, February 26, 2020

घंटा Equality!

मेरे कर्मक्षेत्र में लड़कियों का बोलबाला है।
पर कल इन्हीं में से 'एक' को 
लड़का "देखने" आनेवाला है।
इन मोहतरमा की तो ऑफ़िस में इतनी चलती है
कि मर्दों की तो क्या औरतों की भी इनसे जलती है
पर जब इन्हें लड़के "देखने" आते हैं
तो बेझिझक कह कर जाते हैं,
कि देखिए हम अपनी घर की औरतों से नौकरी नहीं "कराते" हैं।

दूजी की कहानी भी इनसे मिलती है
इनकी बेबाकी के आगे तो दुनिया हाथ मलती है।
पर जैसे ही शाम ढलती है
"सड़क" पर ये सहम-सहम कर चलती हैं।

तिजी ने ऐसे-ऐसे लेख लिखे 
कि अखबार हाथो-हाथ बिके 
पर इसका श्रेय इनके पतिदेव लेते हैं
क्युंकि वो ही तो इन्हें 
काम करने की "इजाज़त" देते हैं।

चौथी को किसीसे बैर नहीं
पर इनके आगे नेताओं की खैर नहीं
बस, सास जब बच्चे का ताना देती है
तो ये चुप कर के सब "सहती" हैं।

पंच कन्या की तो बात ही क्या है
पहेलियों में ये सबकी माँ है
पर जब बच्चों का "सवाल" आता है
तो इनसे भी नौकरी में टिका नहीं जाता है।

छटी कैमरा संभालती है
सनसनीखेज फोटो निकालती है
पर घर पर जब भी रोटी बेलती हैं
कोई न कोई नुक्स ज़रूर निकलती है।

सातवी, आठवी, नौवी या दसवी हैं
हम सब अलग सही, पर एक सी हैं
वरचुयालिटी की इस दुनिया में 
अलग लेवल की फेक सी हैं

So do you know what is Reality?
It is 'घंटा Equality'!



Sunday, February 9, 2020

"यह मेरी कहानी है"

कितनी आसानी से तुम लेखक बन जाते हो,
कह देते हो कि "यह मेरी कहानी है।"

भूल जाते हो उस 'किसी' को जिसने बताया था तुम्हें वो किस्सा।

याद नहीं रहता तुम्हें वह 'कोई' जिसने खोजकर दिया था वहाँ तक का रास्ता।

'उसका' तो ज़िक्र भी नहीं आता जिसने सबसे पहले बनाया था इसका दस्तावेज़ और संजोकर परोस दिया था तुम्हारी रिसर्च-रूपी थाली में।

इन सबको दरकिनार कर तुम 'अपना' लेख लिखते हो...

त्रुटियों, अशुद्धियों, वर्तणी और लय की परवाह किये बगैर मन की सारी बाते एक कागज़ पर लिख देते हो...

और थमा देते हो 'उस' संपादक को, जो बिना किसी प्रतिफल की अपेक्षा किये 'तुम्हारे' इस लेख को त्रुटिहीन कहानी की शक्ल देता है।

'तुम्हारी' इस कहानी की लिखाई, छपाई और पाठकों तक पहुँचाने का ज़िम्मा भी 'जो' लेता है, उसे नहीं मिलती कोई वाह-वाह।

सबसे पहला पाठक जो इसे पढ़कर भूलता नहीं, दूसरों को भी पढ़ने की सलाह देता है 'उसे' तो शायद तुम जानते भी नहींं...

फिर एक दिन टीवी पर आ रहे किसी साक्षात्कार में तुम अपना परिचय देते हो...

"यह 'मेरी' कहानी है... 'मैं' इसका लेखक हूँ।"