लोग मर रहे हैं,
किसी के पिता,
किसी का पुत्र,
किसी की सखी,
किसी का मित्र!
लोग मर रहे हैं।
पर शोक मनाने का समय नहीं है,
मौन रहने का समय नहीं है।
खबर लिखनी है,
खबर छापनी है।
मात्रा, वर्तनी, भाव में कहीं
गलती न हो जाए।
तो क्या, कि लोग मर रहे हैं।
किसी के पिता,
किसी का पुत्र,
किसी की सखी,
किसी का मित्र!
वो छुट्टी पर जा रहा है,
जिसके लोग मर रहे हैं।
उसे पांच दिन के शोक की है छूट,
जिसके लोग मर रहे हैं।
मुझे उसका भी काम करना है,
जिसके लोग मर रहे हैं।
किसी के पिता,
किसी का पुत्र,
किसी की सखी,
किसी का मित्र,
लोग मर रहे हैं।
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