Saturday, May 26, 2018

मेरी योनि तुमसे अलग है इसलिए!

दिन भर थक कर, जब ऑफिस से घर आऊं तो काश कोई मुझे भी पूछे....चाय?? और साथ में??

रात में कभी कभी ही सही..... बस बैठकर खाने का इंतजार करु...खाना आये...मैं सिर्फ खाकर, प्लेट वही रख दूं और टीवी देखते देखते नींद आ जाये.... और बच्चे के साथ बस आधे घंटे के लिए खेल कर किसीको पकड़ा दूं।
सुबह उठु तो नाश्ता तैयार मिले और मैं खा कर यूं निकलू जैसे नौकरी नही देश का उद्धार करने निकली हूँ...
पर यह सुख मुझे प्राप्त नही...
क्योंकि मेरी योनि तुमसे अलग है।
मेरी योनि में छेद है....
जो by default मेरी किस्मत में भी छेद कर देता है।

एक बार एक बच्चे से सुना था कि वो भाग नही सकता क्योंकि जन्म से ही उसके दिल मे छेद है।
ह्म्म्म....तभी मैं कहूँ कि career की रेस में मुझे भागने क्यों नही दिया जाता और तुम्हे क्यों कुत्तों की तरह भगाए रखते है..
क्योंकि मेरी योनि तुमसे अलग है...
मेरी योनि में छेद है।

चुप रहो! इतना ही शौक है बैठकर आराम से पांव पसारकर चाय पीने का, डिनर करते ही tv देखते देखते सो जाने का, या बच्चे को सिर्फ खेलने के लिए उठाने का, तो घर का खर्च भी चलाओ....तुम्हारी सैलरी में तो पानी भी गर्म नही होगा...

अरे पर...तुम ही ने तो वो एचआर वाली नौकरी छुड़वाई थी....स्कूल में टीचर बनने को कहा था ताकि घर भी संभालती रहूं और ईएमआई भी....

सब कुछ तो करती हूं....बच्चे को स्कूल भेजना, नाश्ता बनाना, सब्जियां लाना, बर्तन धोना, घर साफ करना, बैंक का काम, सिलिंडर लगाना.... फिर मुझे थकान के बाद की चाय कोई क्यों नही ऑफर करता????

हा हा हा हा... जो जानती हो वही सुनना चाहती हो तो सुनो......
क्योंकि तुम्हारी योनि मुझसे अलग है.....तुम्हारी योनि में छेद है....

No comments:

Post a Comment