क्यों जकड़ रखा है तुमने भाषा, ज्ञान, लिंग, संस्कृति, धर्म और मनोरंजन को उन बेड़ियो में जिनके चंगुल से वो चाहकर भी निकल नही सकते?
आखिर क्यों तुम्हे लगता है कि उच्चारण पर सिर्फ तुम्हारा अधिकार है?
तुमने पढ़ी होंगी ढेर ढेर किताबें
धर्म का तुमको इल्म मुझसे कई ज़्यादा होगा
तुम जाते होंगे किसी कॉन्वेंट में
और कुकम्बर को क्युकम्बर कहना सिखा होगा अपनी ईसाई टीचर से
तुम्हारे मदरसे में बताते होंगे कि खान epiglottis से आना चाहिये
और हिंदी के जानकार से सीखी होंगी तुमने सतरह और सतारा का फर्क
तुम अच्छे स्कूल में जाते होंगे तभी तुम्हे मालूम हैं कि हमारा देश उसकी संस्कृति से जाना जाता है
और तुम्हे बचपन से फैशन की हिदायते मिलती होंगी तो तुमने जाना कि लाल होंठो के साथ हरा चोला देहाती लगता है।
तुम्हे हैरी पॉटर का पता मेरे चाचा चौधरी से पहले लगा होगा
तुम्हारा स्टेटस सिंबल अंग्रेज़ी रहा होगा
पर ....पर तुम सब कौन होते हो... भाषा, धर्म, सांस्कृति , मनोरंजन को बेड़ियों में बांधने वाले?
Thursday, February 15, 2018
Ghutan घुटन!
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