Thursday, January 2, 2025

मैं एक कविता लिखना चाहती हूँ

मैं एक कविता लिखना चाहती हूँ 
जो छप जाए अखबारों में 
इतनी प्रतियां बिके उसकी 
कि काम आए मजारों में 

मैं एक कहानी लिखना चाहती हूँ 
जिसकी बन जाए पिक्चर 
सिनेमा घरों में भीड़ लगे 

मैं कुछ ऐसा लिखना चाहती हूँ 
कि नाम जाने दुनिया सारी 
और मेरे घर आनेवाला हर मेहमान 
माँ से पूछे 

माँ जिस दिन कहेगी 
तू इतनी बड़ी Writer है 
पर हमने घमंड नहीं किया 

उस दिन 

तुम्हें छूना चाहती हूँ 
पर तुम तो कितने सुंदर हो?

तुम्हें छूने के लिए सुंदर होना होगा न?

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