Sunday, July 20, 2025

कितना सुखद होता होगा

कितना सुखद होता होगा 
ज्यादा चाहा जाना।

पहले हाथ पकड़ा जाना 
पहले माथे पर चूमा जाना 

भरी महफ़िल में 
बेझिझक ताका जाना 

क्या उतना ही सुखद होता होगा?
जितना पीड़ादायक है कम चाहा जाना?

हाथ पकड़ने का इंतजार करना 
कभी माथे पर न चूमा जाना 

महफ़िल अजनबी सा महसूस करना 
साथ होते हुए भी 
अकेले होना 



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