घर!
जहां आकर ब्रा उतार फेंक सकती हो तुम!
घर!
जहां पाजामे में दिनभर टहल सकती हो तुम!
घर!
जहां रात की खामोशी का डर नहीं!
घर!
जहां 'लोग क्या कहेंगे' की फिक्र नहीं!
घर!
जहां की फर्श हाई हील नहीं मांगती!
घर!
जहां का आईना
मेकअप के बगैर भी हसीन है!
घर!
जहां तुम हो सकती हो
तुम!
काश पूरी दुनिया 'घर' होती
तुम कहीं भी जाओ
तुम होती!
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