Saturday, December 19, 2020

तुम्हारा लिखा हुआ

तुम्हारा लिखा हुआ पढ़ते पढ़ते कई बार अचानक लगता है, "अरे ये तो बिलकुल मेरे लिखे हुए जैसा है।"
मैं इसे तुमसे कहने की कल्पना करता हूं। पर ये सुनकर तुम कल्पना में भी मेरा मजाक उड़ाने वाली मुस्कान देकर ऑटोग्राफ देने लगते हो। पीछे से कुछ लड़कियां मुझे धकेल कर सरका देती हैं। और मैं कल्पना में भी तुमसे ये कहने की कल्पना करना छोड़ देता हूं।

No comments:

Post a Comment