Sunday, September 29, 2019

सैलरी

न जाने कितनी कहानियाँ लिखनी थी बाकी,
न जाने कितनी तस्वीरें रह गयी अधूरी...
न जाने कौनसा गाँव बसने से रह गया,
न जाने कौनसी तमन्ना न हो सकी पूरी...
खैर छोड़ों... कल सैलरी आनी है!!

~ #मानबी

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