मैं किसीसे क्या माँगू
कोई क्या देगा मुझे
जो खुदा दे न सका
उसका बंदा क्या देगा मुझे
Monday, September 30, 2019
Sunday, September 29, 2019
दो जगह।
हम जब जहाँ हैं, वहीं के क्यूँ नहीं होकर रहते
क्यूँ एक ही वक़्त में दो जगहों के होना चाहते हैं
सैलरी
न जाने कितनी कहानियाँ लिखनी थी बाकी,
न जाने कितनी तस्वीरें रह गयी अधूरी...
न जाने कौनसा गाँव बसने से रह गया,
न जाने कौनसी तमन्ना न हो सकी पूरी...
खैर छोड़ों... कल सैलरी आनी है!!
~ #मानबी
भीड़
हम चल पड़ते हैं..
भीड़ के साथ..
एक अक्षर भी नहीं पढ़ते इतिहास का
कुछ कदम चलकर देखते भी नहीं
सोचते नहीं... पूछते नहीं...
रुकते नहीं, जूझते नहीं...
हम बस चल पड़ते हैं...
भीड़ के साथ!
~ #मानबी
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