Friday, February 7, 2025

मैं कभी कुछ छोड़ नहीं पाया

मैं कभी कुछ छोड़ नहीं पाया!

इसलिए नहीं, कि मुझे उन जगहों से 
उन व्यक्तियों से लगाव था 

इसलिए, क्योंकि मेरे पास 
जाने की कोई और जगह नहीं थी। 

मेरी इस विवशता को वो जगह,
वो व्यक्ति जानता था।

इसलिए सम्मान के साथ 
उस जगह, उस व्यक्ति के पास रहना,
वहीं साल दर साल रहते रहना,
दूभर हो गया।

फिर भी मैं कभी कुछ छोड़ नहीं पाया 

इसलिए नहीं कि मुझे उन जगहों से 
उन व्यक्तियों से लगाव था 

इसलिए, क्योंकि मेरे पास 
जाने की कोई और जगह नहीं थी।