साथ हंसे, साथ रोये,
साथ मिले और साथ ही खो गए।
हम साथ-साथ बड़े हुए!
साथ लड़े, साथ चिढ़े,
फिर साथ ही मान गए।
हम साथ-साथ बड़े हुए।
और अब, जो तुम जा रही हो
रह रहके याद आती रहोगी!
हंसने में, रोने में,
लड़ने में, चिढ़ने में
हर जगह अपनी कमी
महसूस कराती रहोगी।
अब लगता है क्या दिन थे वो..
अब, जब साथ-साथ रहने के
दिन पूरे हुए!
हम साथ-साथ बड़े हुए...
(तनाया तुम्हारे लिए... मनाबी की ओर से)