Saturday, January 30, 2016
Tuesday, January 19, 2016
मेरे मरने का सबब पूछते है लोग...
मेरे मरने का सबब पूछते है लोग...
मेरी उदासी का मज़हब पूछते है लोग।
जो आज से पहले मुझे जानते भी न थे...
मेरे जाने पे, मेरे होने का मतलब बुझते है लोग।
हर कोई मेरे लिखे ख़त को बांटने लगा देखो..
मेरी हकीकत को कहानी सा बताते है लोग।
तुम इनके आंसुओ में मुझे ढूंढने न लग जाना सुनो...
अपनी दुनिया को रौशन करने के लिए, घर भी जला देते है लोग।
Sunday, January 17, 2016
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