पकवानों की महफ़िल में
अक्सर भूला दिए जाते हैं
पर मुश्किल दिनों में यही हैं जो
रूखी-सूखी को खाने लायक बनाते हैं
लड़ते झगड़ते
रूठते मनाते
हर हाल में साथ देते
खट्टे मीठे-तीखे
कुछ दोस्त अचार जैसे होते हैं!
अचार जीवन का सार है
खट्टा मीठा तीखा सब है!
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