चला करते थे
तरक्की की
दो पांवों पर चले
फिर तरक्की की
जानवरों पर लदकर चले
और तरक्की की
तो मशीनों को दौड़ा कर चले
थोड़ी और
अब आसमान को चीरकर चले
हिमालय पर पहुंचे
फिर चंद्रमा और मंगल पर भी
इन सभी चरणों में
मानव शरीर जितना ऊंचा चढ़ा
मानवता उतनी ही नीचे गिरती गई।
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