मार्च से शुरू हुई इस भयानक महामारी ने पूरे विश्व में अब तक 656000 जानें ले ली है, और भारत में 33000 के ऊपर। ये आंकड़े रोज़ थोड़े थोड़े बढ़ते हैं और साथ में बढ़ता है डर।
अभी अभी रवीश कुमार ने फेसबुक पर बिहार का एक वीडियो शेयर किया, जिसमें एक आदमी अस्पताल के सामने अपनी अधमरी बेटी को गोद में लिए चिल्ला रहा है ... कोई तो डॉक्टर को बुला दो.... पानी दे दो ... दूसरी बेटी ( जैसा प्रतीत हुआ ) लोगों से मदद मांग रही है। इतने में एक आदमी पानी की बोतल लिए आता है, पानी पिलाने लगता है और पीछे से आवाज़ आती है - ' दूर से दूर से '।
इतने में एक सैनिक स्ट्रेचर लेकर आता है। पिता से बच्ची को उठाया नहीं जा रहा। वह मदद मांगता है। दृश्य यही खत्म हो जाता है। उसे किसीने छुआ या नहीं पता नहीं। उन्हें कोई डॉक्टर मिला या नहीं, पता नहीं। वो पिता अपनी बच्ची को बचा पाया या नहीं, पता नहीं!
एक और दृश्य में एक व्यक्ति सड़क पर पड़ा तड़प रहा है। पास ही में एक हवलदार और एक और व्यक्ति बातें कर रहे हैं, पर इस तड़पते व्यक्ति के लिए कुछ नहीं कर रहे। इस व्यक्ति का शायद पता है। शायद दम तोड़ चुका होगा। 33000 दरअसल सही आंकड़ा नहीं है। कुछ सौ और भी है इसमें। इन्हीं सौ में से एक ये भी बन गया होगा। महज एक आंकड़ा।
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उधर ट्विटर पर #JusticeForSushantSinghRajput अब भी ट्रेंड कर रहा है।
मैं सोच रही हूं आज दाल ढोकली बना लूं। रेसिपी देखनी है अभी!
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