Manav Kaul की लिखी किताब 'तुम्हारे बारे में' के मध्य में हूँ। हर किताब के कुछ उद्धरण होते हैं, जिन्हें आप अपनी डायरी में उकेर लेते हैं। फेसबुक, ट्विटर पर साझा कर इतराते हैं, किसी बहस के बीच इस्तेमाल कर जीत जाते हैं... ऐसे उद्धरण चंद ही होते हैं हर किताब में। बहुत अच्छी किताब हो तो हर पन्ने पर एक।
पर यह किताब ही उद्धरणों की है। हर वाक्य को बार-बार पढ़ने को जी करता है। हर वाक्य को ज्यों का त्यों लिख डायरी भर देने का मन होता है। हर एक लाइन को सोशल मीडिया पर शेयर कर इठलाने की इच्छा हो आती है।
तुम्हारे बारे में इतना ही कहूँगी मानव कि तुम्हारा लिखा हुआ बहती नदी है। मेरा सारा लिखा हुआ तुम्हारे सामने एक लोटा मैला पानी भर है।
- मानबी
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