वो - और समंदर?
मैं - समंदर के पास ही रहती थी, पर कभी जाना नहीं हुआ। बस इसी ग्लानि में मैं अब समंदर के पास नहीं जा पाती।
वो - पर यह जीवन तो है। और यह संसार भी।
मैं - इनका क्या? ये तो बेकार पड़ी चीज़ें हैं।
वो - पहाड़ सा जीवन। और समंदर सा संसार। डूब रही हो। यहीं पर लिख लो। अच्छा लिखोगी।
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