सुनो...तुम मुझपर कोई नज़्म लिखो तो बताना..
वो जो तुमने 'मेघा' के लिए लिखी थी
जो आजतक तुम्हारे ब्लॉग पर तीसरे पन्ने पर नज़र आता है..
जिसे फ़ेसबुक पर 115 लाइक्स मिले थे...
कुछ वैसा..
हां कुछ वैसी ही नज़्म मुझपर जब भी लिखो तो बताना..
जानते हो.. 'मेघा' सोचती है तुम उसे चाहते ही नही थे..
तुम भी तो अजब थे..कभी उस से कुछ कहते ही नही थे..
काश वो नज़्म तुम फ़ेसबुक पर ना शेयर करते..
काश उसके नज़मो से भरी वो किताब उसके हाथो मे दे धरते...
खैर!!!
सुनो...तुम मुझपर कोई नज़्म लिखो तो बताना...
वो जो तुमने 'मेघा' के लिए लिखी थी
जो आजतक तुम्हारे ब्लॉग पर तीसरे पन्ने पर नज़र आता है..
जिसे फ़ेसबुक पर 115 लाइक्स मिले थे...
कुछ वैसा..
हां कुछ वैसी ही नज़्म मुझपर जब भी लिखो तो बताना..
जानते हो.. 'मेघा' सोचती है तुम उसे चाहते ही नही थे..
तुम भी तो अजब थे..कभी उस से कुछ कहते ही नही थे..
काश वो नज़्म तुम फ़ेसबुक पर ना शेयर करते..
काश उसके नज़मो से भरी वो किताब उसके हाथो मे दे धरते...
खैर!!!
सुनो...तुम मुझपर कोई नज़्म लिखो तो बताना...
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