13 Dec 2020
आजकल मैं घंटों उदास रहती हूं। मैं जानती हूं उदासी के बारे में सोचना बंद कर दूं तो उदासी खत्म हो जाएगी। पर मैं उदासी के बारे में सोचना बंद नहीं करती। अपने दोस्त को बताती हूं कि मैं उदास हूं। वो मुझे दूसरों के ज़्यादा उदास होने के कारण गिनाने लगता है। मेरी उदासी को छोटा महसूस कराने लगता है। कहता है उदासी के बारे में सोचते बहुत हो। इसलिए उदास हो। उदासी के बारे में सोचना बंद कर दो। मैं उठकर चल देती हूं। और अपनी उदासी के बारे में सोचने लगती हूं। जो लोग मुझसे ज़्यादा उदास होंगे, क्या उनकी उदासी भी, उसके बारे में सोचना बंद कर देने से खत्म हो जाएगी?
क्या उदास व्यक्ति की सोच बंद की जा सकती है। क्या सोच के बंद होने से संसार उदासी मुक्त हो सकता है?
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