हम सभी को अपने पिता से कुछ न कुछ शिकायत होती है। मुझे भी थी... मुझे लगता कि शायद मैं पत्रकार बन सकती थी या लेखक बन सकती थी पर बाबा ने मुझे इंजीनियर बना दिया।
मैं क्या बनना चाहती थी ये तो मैंने अक्सर सोचा। पर बाबा क्या बनना चाहते थे?? कभी ख्याल ही नहीं आया इस बात का। ज़ाहिर है वो स्टोर कीपर तो नहीं बनना चाहते होंगे न।
बाबा कहते है वो मैथ्स में बहुत अच्छे थे। क्या पता वो इंजीनियर ही बनना चाहते हो। क्या पता उन्होंने सोचा कि जैसे उनके इंजीनियर होने से हमारी ज़िन्दगियों में काफी कुछ बदल जाता वैसे ही हमारे इंजीनियर बनने से हमारे बच्चों की ज़िंदगियाँ बदल जाए।
बाबा को मैंने कभी अपने लिये देखा कोई ख्वाब बांटते नहीं सुना कि मैं ये करना चाहता था या वो बनना चाहता था। शायद हमारी ज़रूरतो के आगे उन्हें स्टोर कीपर ही बने रहना ठीक लगा।
उन्हें मैंने ड्रामा ऑर्गेनायिस करते हुए देखा है। अलग अलग प्रोग्राम्स का मैनेजमेंट करते देखा है। और इन सबमे डूबते देखा है। क्या पता वो थिएटर करना चाहते हो। क्या पता वो इवेंट मेनेजर बन सकते थे।
पर हमने कभी पूछा ही नहीं उनसे ये सब।
Thursday, June 16, 2016
बाबा क्या बनना चाहते थे?
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