Sunday, July 7, 2024

बहुत दूर

मैंने कभी शराब नहीं पी। मतलब.. पी जाने जैसी नहीं पी। दोस्तों से थोड़ी बहुत चखी है बस। पर देखा है फ़िल्मों में.. बहुत तलब लगने पर एक घूंट पीने के बाद कैसे गट-गट पी जाते हैं लोग पूरी बोतल!
ठीक वैसी ही लगती हैं कुछ-कुछ किताबें.... लगता है एक घूंट में पूरी पढ़ लें। 
तुम्हारी ज़्यादातर किताबें ऐसी ही हैं। 
पता नहीं क्यों 'बहुत दूर कितना दूर होता है' टालती रही थी अब तक ..

मुझे इस तरह की किताबें ही पसंद है। Immature पर अपने वाक्यों में गहरी बात कह देने वाली। 
नॉन फिक्शन बड़े लोगों के recommendation पर पढ़ने लगी हूँ। ऐसे एक घूंट में नहीं पढ़ पाती वो किताबें। उनके लिए ठहर कर इत्मीनान से कुछ लिख भी नहीं पाती। 
बस पढ़ते हुए उनके उद्धरण सही लगते हैं। तुम्हारे उद्धरणों की तरह दिल को नहीं छूते। 
और फिर भूल जाती हूँ उन्हें। मैं बदलती नहीं। वही रहती हूँ। 
अटॉमिक हैबिट पढ़ने के बाद भी मेरी आदतें ज्यों की त्यों रहती हैं। 
Psychology of money पढ़ने के बाद थोड़ा बदलाव आया। बस अब किसी की liabilities देखकर उसके assets का अंदाजा नहीं लगाती। अपने assets पर ध्यान देती हूं। पर उससे ज़्यादा कुछ नहीं। पर यही बहुत बड़ी बात नहीं है?
अब लग रहा है बदला है इस किताब ने मुझे। शायद बड़े लोग सही कहते होंगे। 
Rich Dad Poor Dad से भी कुछ इसी तरह का असर है और कुछ ख़ास नहीं ।
पर ये एक घूंट में पढ़ने वाली किताबें... ये साथ रहती हैं मानों। इनके किरदार को महसूस किया जा सकता है। 
और किसी और को महसूस कर पाना कितना मुश्किल है न?

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