अब कविता नहीं लिखी जाती...
बच्चों के टिफ़िन में क्या रखूँ
सहकर्मी को छुट्टी दूँ कि नहीं दूँ?
सब्ज़ियों में भिंडी लाऊ कि कद्दू
म्यूच्यूअल फंड में इन्वेस्ट करुँ कि गहने खरीद लूँ
मोटापे ले लिए वॉक करुँ कि जिम जाऊँ
अच्छा दिवाली पे क्या पहनूँ
होंडा ले लूँ या मारुति से काम चलाऊँ
अरे अब डायट में और क्या खाऊ?
कविता....
बच्चों के कपड़े लोकल दुकान से खरीदूँ या ऑनलाइन मंगाऊँ
उफ्फ़ गाड़ी खराब हो गयी अब बाज़ार कैसे जाऊँ
कविता... नहीं अब कविता नहीं लिखी जाती....
No comments:
Post a Comment