Thursday, April 28, 2016

घर का नाम!

Old type quarter,
Opp. To G.M office,
Mahakali Colliery,
Chandrapur.

बरसो तक यही हमारा पता रहा। माँ कहती है कि जब मैं तीन साल की थी तब हम इस क्वार्टर में आये थे। हमसे पहले यहाँ कोई हरी बाबू रहा करते थे। और फिर ये मकान बच्चर बाबू का हो गया। बाबा के ट्रांसफर्स भी हुए पर हमने ये मकान कभी नहीं छोड़ा।
कहते है बहुत पुराना मकान था ये। मालकशाह के ज़माने का। जब कभी उसकी दीवारो की दरारों से मिटटी गिरती तो माँ कहती - "और कितना चलेगा... मालकशाह के ज़माने का है। कभी गोदाम हुआ करता था, ये हाल तो होना ही है।"
मालकशाह कौन था, कब हुआ करता था मुझे नहीं पता। पर नाम से लगता था बहुत पुराना कोई आदमी था। तो ये मान लिया कि मकान भी पुराना ही होगा।
कभी बिल्ली घुस आती और पलंग के नीचे गंदा कर जाती। तब माँ को बड़ा गुस्सा आता... साफ करते करते बुदबुदाती कि न जाने कब छुटकारा मिलेगा इस मकान से।
बस तीन कमरो का मकान था तो हम भी कभी नए क्वार्टर मिलने की बात करते। लेकिन तब माँ को इस क्वार्टर की सारी खुबिया याद आ जाती।
"इतना बड़ा आँगन है। पीछे बरामदा है। इतने पेड़ पौधे लगाये है हमने। कहाँ मिलेगा ये सब दूसरे बड़े क्वार्टर्स में?", माँ कहती।
30 साल गुज़र गए। कभी छत टपकती कभी चूहे आ जाते। कभी बन्दर सारे अमरुद खा जाते। तो कभी सांप बिच्छू का डर सताता। पर माँ ने इस मकान को अपना घर बनाये रखा।
कोई और आप्शन भी तो नहीं था माँ के पास। दादा की पढ़ाई, फिर मेरी पढाई और शादी, फिर बाबा की बीमारी... इसे अपना घर न बनाती तो कहाँ जाती।

आखिर 30 सालो बाद बाबा के रिटायरमेंट पर जो पैसे मिले उनसे माँ बाबा इस क्वार्टर को छोड़ अपना घर बना सके।
बस एक महीना और। दादा ने उस दिन मुझसे कहा कि मैं नए घर का नाम सोचके रखु। नाम कुछ ऐसा होना चाहिए जो इस बात को जताता हो कि ये माँ बाबा के जीवन भर की पूंजी है, उनका बरसो का सपना है।

10 -12 नामो की एक लिस्ट तैयार करके मैंने माँ को फ़ोन लगाया। उन्हें सारे नाम बताये। उनमे से कुछ माँ को बहुत पसंद भी आये। हमेशा की तरह बाबा पीछे से पूछते जा रहे थे कि हम माँ बेटी क्या बात कर रहे है। सब सुनने के बाद बाबा ने कहा। नहीं... इनमे से कोई नाम नहीं...घर का नाम तो बस 'उमा' ही होगा।

'उमा' - माँ का नाम!

2 comments:

  1. बहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी ,हृदयस्पर्शी भावपूर्ण प्रस्तुति.बहुत शानदार भावसंयोजन .आपको बधाई.
    आपका ब्लॉग देखा मैने और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.

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