"There is extreme intolerance in India" - says SUPERSTAR Sharukh Khan
आज सुबह सुबह ये खबर ब्रेकिंग न्यूज़ की तरह हर जगह छायी हुई थी।
हमारे देश की लडकियां अक्सर शाहरुख़ की बातों से सहमत ही होती है। अगर नहीं होती तो सहमत करवाने के लिए शाहरुख़ का बस एक बार मुस्कुराना ही काफी है।
और क्योंकि मैं इसी देश में बढ़ी हुई हूँ तो शाहरुख़ की इस बात से मैं भी सहमत हो गयी।
सच है.... शाहरुख़ खान अगर भारत में न होकर किसी और देश में होते जहाँ उनके धर्म के प्रति कोई इनटॉलेरेंस नहीं है तो शायद वहां लोग उनकी पिक्चर मराठा मंदिर में इतने सालो से नहीं चलाते।
अगर हमारा देश ज़रा सा भी सेक्युलर होता तो शाहरुख़ के धर्म का ख्याल रखते हुए लड़कियां उनपर इस तरह फ़िदा न होती।
अगर भारत सभी धर्मो का एक समान आदर करता तो हर पिक्चर में 'राहुल' बनते शाहरुख़ खान की माँ फरीदा जलाल या सरदारनी कीरोन खेर इतनी आसानी से थोड़े ही बन जाती? और इस नाइंसाफी को दर्शक इतने प्यार से थोड़े ही अपनाते।
सच बहोत इनटॉलेरेंस है हमारे देश में।
इतना इनटॉलेरेंस है शाहरुख़ जी कि ये लिखते हुए मुझे ये डर है कि मेरी बेस्ट फ्रेंड स्वाती, जो आपकी सबसे बड़ी फैन है, कही मुझसे दोस्ती न तोड़ दे।
किसी ने कभी कहा था कि देश वैसा ही है जैसा आपको अपने आसपास दिख रहा है।
सोशल मीडिया और न्यूज़ चैनल्स से बाहर निकलकर एक बार आँखे खोलकर देखे.... कैसा है हमारा देश???
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