लड़कों की टीम जीतने पर इतनी भावुक नहीं हुई थी,
जितनी लड़कियों की टीम हुई।
भीतर दबा हुआ हर दर्द जैसे बाहर आ रहा हो।
मैं हर जीत पर रात को ही खुद बनाकर पोस्ट डाल देती हूँ।
ये पहली बार था कि English Team ने रात में जागकर पोस्ट डाला था।
सुबह उठते ही उन्हें शाबाशी मिल गई।
हम फिर unnoticed रहे।
पर शायद एक दिन हमारा भी दर्द इसी तरह खुशी बनकर बाहर निकलेगा।
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