मेरे मुल्क के लोग बहोत खुश है आज
क्या तेरे मुल्क में भी जश्न का माहौल है?
- मानबी
मैं लड़ता था उन परिंदों से
जो तिनके जोड़ने चले थे...
मेरी बज़्म को बचाने की खातिर
-मानबी
अच्छा हुआ कि मर गया कोई अपना
उसके मातम में आजकल मैं लड़ता नहीं अपनों से मेरे।
-मानबी
उजड़ी हुई बस्तियों को बचाने चले हो?
तुम बचे कूचे घरो को भी जलाने चले हो?
- मानबी
बदस्तूर निभाना तुम दुश्मनी उनसे
शर्त ये कि उसके बाद कोई मलाल न हो।
-मानबी
कुछ बर्फ के थे, कुछ रेत के मकान
न आग में टिके, न पानी से बच पाये।
-मानबी
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