मेरे मरने का सबब पूछते है लोग...
मेरी उदासी का मज़हब पूछते है लोग।
जो आज से पहले मुझे जानते भी न थे...
मेरे जाने पे, मेरे होने का मतलब बुझते है लोग।
हर कोई मेरे लिखे ख़त को बांटने लगा देखो..
मेरी हकीकत को कहानी सा बताते है लोग।
तुम इनके आंसुओ में मुझे ढूंढने न लग जाना सुनो...
अपनी दुनिया को रौशन करने के लिए, घर भी जला देते है लोग।
ReplyDeleteबहुत खूब , सुन्दर चित्रांकन