Wednesday, November 18, 2020

नया साल

न लोग बदलते हैं,
न रास्ते,
न हादसे, मुसीबतें, जुर्म और 
न ही हालात
और हम समझते हैं 
कि साल बदलते ही 
वबा बदल जाएगी!
- मानबी

Sunday, November 15, 2020

नया साल

नया साल है।
चलो नई चीज़ गिफ्ट करते हैं।
किसीको साइकिल 
किसीको चॉकलेट
किसीको नई उम्मीद दिलाते हैं।

नया साल है
चलो नए कदम उठाते हैं
किसीको सांसे
किसीको सहारा
किसीको सुकून की नींद दिलाते हैं।

नया साल है
चलो नई रीत बनाते हैं
किसीको भक्त
किसीको लिबरल
किसीको पंडित
किसीको मुल्ला नहीं बुलाते हैं

नया साल है
चलो नया भारत बनाते है
बेहतर भारत बनाते हैं!

Saturday, November 7, 2020

धूमिल

धूमिल होता क्षितिज
जैसे धरती आकाश से मिलती ही न हो

दूर तलक दिशाहीन दृष्टि।

कभी गंतव्य तक 
न पहुंच पाने की थकान।

खालीपन से भरी हार की उपेक्षा करती
उत्सव में व्यस्त जीत।

उबटन लगातीं स्त्रियां।
अंतिम संस्कार की लकड़ियां।

भरे पेट की नींद
भूख की खुली आंखें

साड़ी, गहने, लाली, बिंदी
एक फटी चादर






 


Tuesday, November 3, 2020

अचानक

अचानक सब मिलने लगता है। मान्यता, पहचान...
समय, संज्ञान... उनके बीच अब तुम उन जैसा बोध करते हो। उन जैसा होने में और उनमें से एक होने में अंतर है ये भूलने ही लगते हो... और फिर... उनमें से एक तुम्हें ज्ञात कराए देता है तुम्हारा स्थान!
अचानक सब धुलने लगता है।